प्रकृति से प्रेम प्रकृति से प्रेम
गांव की गालियां सूनी हो गईं सूने सारे आंगन हैं, बरसों हो गए फिर भी तुमको साथ में अपने गांव की गालियां सूनी हो गईं सूने सारे आंगन हैं, बरसों हो गए फिर भी तुमको साथ ...
जब उदास होती हूँ मैं आंसू पोछने तुम आती हो, जब उलझन होती है कोई , तुम ही हल सुझाती जब उदास होती हूँ मैं आंसू पोछने तुम आती हो, जब उलझन होती है कोई , तुम ...
याद नहीं आतीतुम चली आती हो याद नहीं आतीतुम चली आती हो